वन और वन्य जीवन संसाधन - 10th Class social scince full story

 वन और वन्य जीवन संसाधन - 10th Class social scince full story 


वन और वन्य जीवन संसाधन - 10th Class social scince full story

नीचे कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान (भूगोल) का अध्याय – “वन और वन्य जीवन संसाधन” (Forest and Wildlife Resources) का पूरा पाठ/फुल स्टोरी सरल और समझने योग्य भाषा में दिया गया है। यह परीक्षा-उपयोगी, NCERT आधारित तथा आसान शब्दों में समझाया गया है।


🌳 वन और वन्य जीवन संसाधन – पूरा पाठ (Full Story in Simple Hindi)

भारत एक विशाल देश है, जहाँ विविध प्रकार के प्राकृतिक संसाधन पाए जाते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण वन और वन्य जीव हैं, जो पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। जंगल न केवल हमें लकड़ी, जड़ी-बूटियाँ, गोंद, फल आदि देते हैं, बल्कि भूमि संरक्षण, जल चक्र तथा जलवायु नियंत्रण में भी मदद करते हैं। परंतु पिछले कई दशकों से मनुष्य की गतिविधियों ने जंगलों और वन्य जीवों को खतरे में डाल दिया है।

🌲 पहले जंगल कैसे थे? (Historical Background)

पहले भारत में घने जंगल थे। लोग प्रकृति को पूजते थे और उसे देवताओं का रूप मानते थे। आज भी कई जनजातियाँ जंगलों में रहती हैं और जंगलों को अपना “घर’’ मानती हैं। परंतु समय के साथ कृषि विस्तार, शहरीकरण, सड़क निर्माण और उद्योगों के कारण जंगलों का क्षेत्रफल तेज़ी से घटा।

⚠️ वन और वन्य जीवों के विनाश के कारण

  1. कृषि का विस्तार – खेती के लिए बड़े पैमाने पर जमीन साफ की गई।
  2. औद्योगीकरण – कारखानों, खदानों और बिजली परियोजनाओं के लिए जंगल काटे गए।
  3. शहरीकरण – शहरों के विस्तार से प्राकृतिक आवास नष्ट हुए।
  4. अवैध कटाई और शिकार – लकड़ी की तस्करी और जानवरों को मारना बड़ी समस्या बनी।
  5. वनाग्नि (Forest Fire) – प्राकृतिक या मानवजनित कारणों से जंगल जलते हैं।
  6. विकास परियोजनाएँ – सड़कें, रेल लाइनें, बाँध आदि के लिए जंगल नष्ट किए गए।       

🐯 वन्य जीवों का महत्व (Importance of Wildlife)

वन्य जीव प्रकृति के संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

  • बाघ, शेर जैसे शिकारी पशु घास खाने वाले जानवरों की संख्या नियंत्रित करते हैं।
  • पक्षी बीज फैलाते हैं।
  • कीड़े-मकौड़े परागण (Pollination) करते हैं।
  • जंगलों में रहने वाली जनजातियों की संस्कृति और जीवन जंगलों पर निर्भर है।

जब एक प्रजाति खत्म होती है, तो पूरा पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाता है।

🦏 प्रजातियों की श्रेणियाँ (IUCN Categories)

भारत में अनेक प्रजातियाँ खतरे में हैं। इन्हें निम्न श्रेणियों में रखा गया है:

  1. लुप्तप्राय (Endangered Species) – बाघ, गेंडा, हाथी आदि
  2. संवेदनशील (Vulnerable) – हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग
  3. दुर्लभ (Rare) – हिमालयी भालू, लाल पांडा
  4. विलुप्त (Extinct) – चीता (भारत में)

🌱 वन संरक्षण के उपाय (Conservation Measures)

सरकार और समाज दोनों स्तरों पर कई कदम उठाए गए हैं:

1. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972)

  • राष्ट्रीय उद्यान
  • अभयारण्य
  • संरक्षित वन क्षेत्र

बनाए गए ताकि जानवर सुरक्षित रहें।

2. राष्ट्रीय उद्यान (National Park)

जहाँ पेड़ काटना, शिकार, चराई आदि पूरी तरह प्रतिबंधित है।

उदाहरण: जिम कॉर्बेट, काजीरंगा, रणथंभौर।

3. अभयारण्य (Wildlife Sanctuary)

यहाँ जानवर सुरक्षित रहते हैं, लेकिन सीमित मानव गतिविधियाँ चल सकती हैं।

4. बायोस्फीयर रिज़र्व (Biosphere Reserves)

बड़े क्षेत्र जहाँ जीव-विविधता को संरक्षित रखा जाता है।

उदाहरण: नीलगीरी, सुंदरबन।

5. चिपको आंदोलन (Chipko Movement)

महिलाओं ने पेड़ों से चिपककर कटाई रोकी। इस आंदोलन ने पूरे देश में पर्यावरण जागरूकता बढ़ाई।

6. जॉइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट (JFM)

यह व्यवस्था समुदाय और सरकार दोनों के सहयोग से जंगलों की रक्षा के लिए बनी।

🪵 जंगलों का आर्थिक महत्व

  • लकड़ी
  • औषधीय पौधे
  • गोंद, रेज़िन, रबर
  • पेपर उद्योग
  • बांधों और नदियों को सुरक्षित रखने में सहायता

जंगलों की बदौलत लाखों लोगों को रोजगार मिलता है।

🌿 निष्कर्ष (Conclusion)

वन और वन्य जीव हमारी धरोहर हैं। इनके बिना मानव जीवन असंभव है। इसलिए हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह पेड़ लगाए, जानवरों का संरक्षण करे और पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाली गतिविधियों से बचे। आज यदि हमने प्रकृति की रक्षा नहीं की तो आने वाली पीढ़ियाँ सुरक्षित भविष्य नहीं पा सकेंगी।

नीचे “वन और वन्य जीवन संसाधन – कक्षा 10” के सारांश, लघु प्रश्न-उत्तर, दीर्घ प्रश्न-उत्तर सरल भाषा में प्रस्तुत हैं।

ये परीक्षा-उपयोगी, NCERT आधारित तथा पूरी तरह सटीक हैं।

✅ 1. अध्याय का सारांश (Summary)

भारत में विविध प्रकार के वन और वन्य जीव पाए जाते हैं। ये प्राकृतिक संसाधन पर्यावरण संतुलन बनाए रखते हैं, जैसे—जल चक्र नियंत्रित करना, मिट्टी को कटाव से बचाना, प्रदूषण को कम करना तथा अनेक जानवरों और पौधों को आवास प्रदान करना।

लेकिन तेजी से बढ़ती जनसंख्या, कृषि विस्तार, शहरीकरण, उद्योग, विकास परियोजनाएँ और अवैध शिकार ने जंगलों और वन्य जीवन को भारी नुकसान पहुँचाया है।

भारत सरकार ने संरक्षण के लिए कई उपाय किए हैं—वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972, राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बायोस्फीयर रिज़र्व, चिपको आंदोलन, संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) आदि।

वन और वन्यजीव का संरक्षण न केवल प्रकृति के लिए बल्कि मानव अस्तित्व के लिए भी आवश्यक है। यदि हमने अभी कदम नहीं उठाए, तो आने वाली पीढ़ियों को जैव-विविधता की हानि का भारी परिणाम भुगतना पड़ेगा।

✅ 2. लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions)

प्र.1 – वन क्या हैं?

उत्तर: वे क्षेत्र जहाँ घनी वनस्पति, पेड़-पौधे, झाड़ियाँ और जड़ी-बूटियाँ पाई जाती हैं, उन्हें वन कहते हैं।

प्र.2 – जैव विविधता (Biodiversity) का क्या अर्थ है?

उत्तर: किसी क्षेत्र में मौजूद विभिन्न पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों की विविधता को जैव विविधता कहते हैं।

प्र.3 – कमजोर (Vulnerable) प्रजातियाँ क्या होती हैं?

उत्तर: वे प्रजातियाँ जिनकी संख्या तेजी से घट रही है और निकट भविष्य में लुप्त होने का खतरा है, उन्हें कमजोर प्रजातियाँ कहते हैं।

प्र.4 – चिपको आंदोलन क्या था?

उत्तर: यह उत्तराखंड में शुरू हुआ एक पर्यावरण आंदोलन था, जिसमें ग्रामीण महिलाओं ने पेड़ों से चिपककर लकड़हारों को पेड़ काटने से रोका।

प्र.5 – राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य में क्या अंतर है?

उत्तर:

राष्ट्रीय उद्यान में किसी भी प्रकार की मानव गतिविधि जैसे चराई, लकड़ी काटना पूरी तरह प्रतिबंधित है।

अभयारण्य में सीमित मानव गतिविधियाँ अनुमति के साथ की जा सकती हैं।

प्र.6 – वन संरक्षण की आवश्यकता क्यों है?

उत्तर: पर्यावरण संतुलन बनाए रखने, मिट्टी को संरक्षित रखने, जानवरों को आवास देने और जलवायु संतुलन के लिए वन संरक्षण आवश्यक है।

प्र.7 – विलुप्त प्रजाति (Extinct Species) का एक उदाहरण लिखिए।

उत्तर: भारतीय चीता भारत में विलुप्त हो चुका है।

प्र.8 – ‘जॉइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट’ क्या है?

उत्तर: यह सरकारी विभाग और स्थानीय लोगों के सहयोग से जंगलों के संरक्षण और प्रबंधन की व्यवस्था है।

✅ 3. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions)

प्र.1 – वन और वन्यजीवों का महत्व समझाइए।

उत्तर:

वन और वन्यजीव दोनों पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

  • वन जल चक्र नियंत्रित करते हैं, बारिश लाते हैं और मिट्टी को कटाव से बचाते हैं।
  • ये अनेक जीवों को आवास प्रदान करते हैं और जैव विविधता बनाए रखते हैं।
  • औषधियाँ, रेज़िन, गोंद, ईंधन, लकड़ी आदि प्रदान करते हैं।
  • वन्यजीव खाद्य शृंखला का संतुलन बनाए रखते हैं।
  • शिकारी जीव शाकाहारी जानवरों की संख्या नियंत्रित करते हैं।

यदि वन और वन्यजीव न हों, तो प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाएगा और मानव जीवन कठिन हो जाएगा।

प्र.2 – भारत में वन और वन्यजीव संसाधनों के विनाश के क्या कारण हैं? विस्तार से लिखिए।

उत्तर:

भारत में वन और वन्यजीवों के विनाश के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं—

  1. कृषि विस्तार: खेती बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर जंगल काटे गए।
  2. शहरीकरण: शहरों और कस्बों के विस्तार से प्राकृतिक आवास नष्ट हुए।
  3. औद्योगीकरण: कारखानों एवं खदानों के लिए वन क्षेत्र साफ किए गए
  4. अवैध कटाई: लकड़ी की तस्करी और अवैध कटाई से जंगल घटे।
  5. वनाग्नि: प्राकृतिक और मानवजनित आग ने लाखों हेक्टेयर जंगल नष्ट किए।
  6. शिकार: खाल, दाँत और हड्डियों के लिए जानवरों का बड़े स्तर पर शिकार हुआ।
  7. विकास परियोजनाएँ: बाँध, सड़क, रेल परियोजनाओं ने जंगलों को क्षति पहुँचाई।

इन सब कारणों से जैव विविधता तेजी से घट रही है।

प्र.3 – भारत सरकार द्वारा वन एवं वन्यजीव संरक्षण के लिए किए गए उपाय बताइए।

उत्तर:

भारत सरकार ने संरक्षण हेतु कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं—

  1. वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972: शिकार पर रोक, संरक्षित क्षेत्र निर्धारित किए गए।
  2. राष्ट्रीय उद्यान: जैसे जिम कॉर्बेट, काजीरंगा, रणथंभौर।
  3. अभयारण्य: जहाँ जानवरों को सुरक्षित रखा जाता है।
  4. बायोस्फीयर रिज़र्व: सुंदरबन, नीलगिरी जैसे बड़े क्षेत्र।
  5. चिपको आंदोलन: पेड़ों की कटाई रोकने के लिए जन आंदोलन।
  6. जॉइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट: स्थानीय लोगों की भागीदारी से संरक्षण।
  7. वन महोत्सव: जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण कार्यक्रम।

इन प्रयासों से वन एवं वन्यजीवों का संरक्षण संभव हो रहा है।

प्र.4 – चिपको आंदोलन का महत्व और प्रभाव लिखिए।

उत्तर:

चिपको आंदोलन 1970 के दशक में उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश का हिस्सा) में शुरू हुआ। ग्रामीण महिलाओं ने पेड़ों से चिपककर लकड़ी ठेकेदारों को पेड़ काटने नहीं दिया।

महत्व:

  • इस आंदोलन ने पूरे भारत में पर्यावरण संरक्षण की जागरूकता फैलाई।
  • सरकार ने जंगल कटाई पर नियंत्रण लगाया।
  • महिलाओं की भूमिका पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण साबित हुई।
  • इससे कई राज्यों में जंगलों की कटाई रोकने के कानून बने।

चिपको आंदोलन भारत की पर्यावरण रक्षा की एक ऐतिहासिक घटना है।

नीचे “वन और वन्य जीवन संसाधन – कक्षा 10” के MCQ, एक शब्द/परिभाषा वाले प्रश्न, तथा अतिरिक्त प्रश्न-उत्तर दिए जा रहे हैं। ये पूरी तरह NCERT आधारित और परीक्षा में बहुत उपयोगी हैं।

🟩 1. MCQ (बहुविकल्पी प्रश्न)

प्र.1 भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?

A) 1952

B) 1962

C) 1972

D) 1982

✔ उत्तर: C) 1972

प्र.2 कौन-सी प्रजाति भारत में विलुप्त मानी जाती है?

A) बाघ

B) हिम तेंदुआ

C) भारतीय चीता

D) कस्तूरी मृग

✔ उत्तर: C) भारतीय चीता

प्र.3 भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान कौन-सा है?

A) काजीरंगा

B) जिम कॉर्बेट

C) बांदीपुर

D) रणथंभौर

✔ उत्तर: B) जिम कॉर्बेट

प्र.4 'चिपको आंदोलन' कहाँ शुरू हुआ था?

A) राजस्थान

B) गुजरात

C) उत्तराखंड

D) मध्य प्रदेश

✔ उत्तर: C) उत्तराखंड

प्र.5 किस क्षेत्र को ‘जैवमंडल रिज़र्व’ (Biosphere Reserve) कहा जाता है?

A) छोटा वन क्षेत्र

B) बड़ा संरक्षित क्षेत्र

C) शहरी क्षेत्र

D) कृषि क्षेत्र

✔ उत्तर: B) बड़ा संरक्षित क्षेत्र

प्र.6 निम्न में किसमें किसी प्रकार की मानव गतिविधि की अनुमति नहीं होती?

A) अभयारण्य

B) राष्ट्रीय उद्यान

C) रिज़र्व वन

D) रक्षित वन

✔ उत्तर: B) राष्ट्रीय उद्यान

प्र.7 वन कटाई का प्रमुख कारण है—

A) वर्षा

B) कृषि विस्तार

C) उत्सव

D) वन महोत्सव

✔ उत्तर: B) कृषि विस्तार

प्र.8 जैव विविधता क्या होती है?

A) समान प्रजाति

B) विविध प्रजातियाँ

C) केवल जानवर

D) केवल पौधे

✔ उत्तर: B) विविध प्रजातियाँ

प्र.9 लुप्तप्राय प्रजाति का उदाहरण है—

A) गेंडा

B) गाय

C) बकरी

D) कौआ

✔ उत्तर: A) गेंडा

प्र.10 संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) कब शुरू किया गया?

A) 1998

B) 1988

C) 1986

D) 1975

✔ उत्तर: B) 1988

🟦 2. एक शब्द/परिभाषा वाले प्रश्न

प्र.1 – जैव विविधता

✔ उत्तर: किसी क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न पौधों, जानवरों और सूक्ष्म जीवों की विविधता।

प्र.2 – राष्ट्रीय उद्यान

✔ उत्तर: वह संरक्षित क्षेत्र जहाँ शिकार, चराई और मानव गतिविधियाँ पूरी तरह प्रतिबंधित रहती हैं।

प्र.3 – अभयारण्य

✔ उत्तर: वह क्षेत्र जहाँ वन्यजीवों की सुरक्षा होती है और सीमित मानव गतिविधियाँ अनुमति के साथ की जा सकती हैं।

प्र.4 – चिपको आंदोलन

✔ उत्तर: पेड़ काटने से रोकने के लिए पेड़ों से चिपककर किया गया पर्यावरण आंदोलन।

प्र.5 – लुप्तप्राय प्रजाति

✔ उत्तर: ऐसी प्रजाति जिनका अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर है।

प्र.6 – रिज़र्व वन

✔ उत्तर: ऐसा संरक्षित क्षेत्र जहाँ प्रवेश और लकड़ी काटना बिना अनुमति प्रतिबंधित है।

प्र.7 – शिकार

✔ उत्तर: जंगली जानवरों को मारना या पकड़ना।

प्र.8 – बायोस्फीयर रिज़र्व

✔ उत्तर: जैव विविधता संरक्षण हेतु निर्धारित बड़ा प्राकृतिक संरक्षित क्षेत्र।

प्र.9 – JFM (जॉइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट)

✔ उत्तर: सामुदायिक भागीदारी से जंगलों का संरक्षण और प्रबंधन।

प्र.10 – विलुप्त प्रजाति

✔ उत्तर: जो प्रजाति पृथ्वी से पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।

🟨 3. अतिरिक्त प्रश्न-उत्तर (Important Q&A)

प्र.1 – भारत में वन्य जीवन के संरक्षण के लिए कौन-सा कानून लागू किया गया?

✔ उत्तर: वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972।

प्र.2 – वन हमारे लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?

✔ उत्तर:

  • जलवायु को नियंत्रित करते हैं
  • मिट्टी को कटाव से बचाते हैं
  • औषधियाँ, लकड़ी, ईंधन प्रदान करते हैं
  • लाखों जीवों का घर हैं

प्र.3 – वन्य जीवों के विनाश के दो कारण लिखिए।

✔ उत्तर:

  • अवैध शिकार
  • आवास का नष्ट होना (शहरीकरण, औद्योगीकरण)

प्र.4 – 'संवेदनशील प्रजाति' से क्या मतलब है?

✔ उत्तर: वे प्रजातियाँ जिनकी संख्या लगातार घट रही है और भविष्य में लुप्त होने का खतरा है।

प्र.5 – चिपको आंदोलन की शुरुआत किसने की?

✔ उत्तर: ग्रामीणों और महिलाओं ने; प्रमुख व्यक्तित्व: सुंदरलाल बहुगुणा।

प्र.6 – भारत में कुल कितने जैवमंडल रिज़र्व हैं?

✔ उत्तर: 18 (NCERT अनुसार संदर्भित क्षेत्र)।

प्र.7 – प्रोजेक्ट टाइगर कब शुरू किया गया?

✔ उत्तर: 1973 में।

प्र.8 – वन कटाई से क्या हानियाँ होती हैं?

✔ उत्तर:बाढ़, सूखा

भूमि कटाव

जलवायु परिवर्तन

जैव विविधता का नाश

प्र.9 – वनाग्नि का एक प्रमुख कारण लिखिए।

✔ उत्तर: मानव द्वारा लापरवाही या जानबूझकर लगाई गई आग।

प्र.10 – जैव विविधता संरक्षण का एक तरीका लिखिए।

✔ उत्तर: राष्ट्रीय उद्यान और अभयारण्य बनाना।

🌿 आउट्रो: वन और वन्य जीवन संसाधनों का महत्व

अंत में, वन और वन्य जीवन संसाधन केवल प्रकृति की सुंदरता और विविधता का प्रतीक नहीं हैं, बल्कि यह हमारे अस्तित्व, हमारी अर्थव्यवस्था और पृथ्वी के पर्यावरणीय संतुलन की नींव भी हैं। इस अध्याय के माध्यम से हम समझते हैं कि जंगल सिर्फ पेड़ों का समूह नहीं, बल्कि एक जीवंत प्रणाली है, जो जलवायु नियंत्रण, मिट्टी संरक्षण, वर्षा चक्र और जैव विविधता को बनाए रखने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

आज जब वन क्षेत्रों में कमी, अवैध कटाई, वन्य जीवों के शिकार और आवास विनाश तेजी से बढ़ रहा है, तब संरक्षण (Conservation) की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गई है। सरकार द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बायोस्फीयर रिजर्व, परियोजनाएँ जैसे प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलिफेंट आदि इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। लेकिन केवल सरकारी प्रयास काफी नहीं—एक सजग नागरिक के रूप में हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम वन संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएँ।

हम रोजमर्रा की जिंदगी में छोटे-छोटे बदलाव लाकर भी बड़े परिणाम ला सकते हैं—जैसे कागज की बचत, पौधारोपण, प्लास्टिक का कम उपयोग, वन संपदाओं का समझदारी से इस्तेमाल और पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ी गतिविधियों में भागीदारी।

अध्याय हमें सिखाता है कि प्रकृति हमारी धरोहर है, और इसे सुरक्षित रखना हमारी ही नहीं, आने वाली पीढ़ियों की भी जिम्मेदारी है। यदि हम आज संरक्षण के प्रति जागरूक बनते हैं, तो हम एक ऐसी दुनिया सुनिश्चित कर सकते हैं जो स्वच्छ, हरी-भरी और जैव विविधता से भरपूर हो।

इसलिए याद रखें—

  • 🌱 वन बचे तो जीवन बचेगा।
  • 🐾 वन्य जीव सुरक्षित होंगे तो प्रकृति संतुलित रहेगी।
  • 🌍 और प्रकृति बचेगी, तभी पृथ्वी पर जीवन संभव होगा।

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